भिगोई हुई हरी मूंग दाल (soaked green moong dal)
मूंग दाल को उपयुक्त पानी से साफ और धोकर कम से कम 1 घंटे के लिये भिगो दें औे व्यंजन अनुसार प्रयोग करें।
• किसी भी प्रकार कि दाल कि तरह हरी मूंग दाल पकाई जा सकती है।
• इसे कटे हुए प्याज़, टमाटर, हरी मिर्च और अदरक-लहसुन के पेस्ट के साथ मिलाकर प्रैशर कुक किया जा सकता है और घी मे ज़ीरे का तड़का लगाकर मिलाया जा सकता है।
• दालों का आकर पकने के बाद बना नही रहता इसलिये इसका प्रयोग अक्सर सूप या प्यूरी मे किया जाता है।
• तमिल नाडू में पकि हुई मूंग दाल को गुढ़ और दूध के साथ मिलाकर इलायची के स्वाद से भरपूर खीर बनाई जाती है।
• हरी मूंग दाल को मिल या मिक्सर मे पीसकर सब्ज़ी के पकौड़े बनाये जा सकते है।
• इसे पानी मे भिगोकर दाल दोसा या उत्तपम का घोल बनाया जा सकता है।
हरी मूंग दाल संग्रह करने के तरीके
• हरी मूंग दाल को हवा बंद डब्बे मे रखें।
हरी मूंग दाल के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of green moong dal, split green gram, hari mung dal in Hindi)
हरी मूंग दाल फोलेट (विटामिन बी 9) या
फोलिक एसिड में समृद्ध होती है, जो आपके शरीर को नई कोशिकाओं, विशेष रूप से लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) का उत्पादन और रखरखाव करने में मदद करती है और गर्भावस्था के लिए भी अनुकूल है। फ्लेवोनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स में समृद्ध होने के कारण, मूंग दाल मुक्त कणों द्वारा किए गए रक्त वाहिकाओं पर नुकसान को कम करती है और इन्फ्लमेशन (inflammation) को भी कम करती है। मूंग दाल हृदय और मधुमेह के अनुकूल है। मूंग दाल
फाइबर में उच्च होती है और 1 कप पकी हुई मूंग दाल का आपके फाइबर की दैनिक आवश्यकताओं का 28.52% पूरा करती है। मूंग दाल के 9 शानदार फायदे यहाँ पढें।