सिंघाड़े का आटा ( Water chestnut flour )
Last Updated : Jul 29,2022


सिंघाड़े का आटा क्या है ? ग्लॉसरी, इसका उपयोग, स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी
Viewed 71480 times

सिंघाड़े का आटा क्या है?


सिंघाड़े का आटा सूखे पीसे हुए सिंघाड़े से बनता है। नटस् को उबाला जाता है, छिलकर पीसा जाता है। यह आटा जो आटे से ज़्यादा स्टार्च है, इसका रंग सफेद मलाई जैसा होता है।
इसका प्राथमिक रुप से उपयोग खाने को गाढ़ा बनाने के लिए किया जाता है और भारतीय और एशियन व्यंजनों में तलने के लिए घोल बनाने के लिए किया जाता है। जब इसे खाने को गाढ़ा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, सिंघाड़े के आटे को पहले पानी में घोला जाता है और उसके बाद गरम पदर्त या सॉस में मिलाया जाता है। इस तकनीक से डल्ले नहीं बनते, जो कोर्नस्टार्च से बन सकते हैं। तलने वाले खाने को सिंघाड़े के आटे और पानी के घोल में डुबोकर तला जाता है। सिंघाड़े का आटा बड़े किराने की दुकानों में, प्राकृतिक और स्वास्थ्य दुकानों में, साथ ही एशियन बाज़ारों में आसानी से मिलता है।

चुनने का सुझाव सिंघाड़े का आटा
• सफेद पाउडर जैसे सिंघाड़े के आटे को चुनें, जो बिना किसी डल्ले या रंग में बदलाव के हो।
• खरीदने से पहले समापन के दिनांक की जांच कर लें।

सिंघाड़े का आटा के उपयोग रसोई में (uses of water chestnut flour, shingoda flour in Indian cooking )

भारतीय व्रत की रेसिपी में सिंघाड़े का आटा का उपयोग करके | Indian fasting recipes using water chestnut flour | 

उपवास व्यंजनों को बनाने के लिए भारत में बड़े पैमाने पर सिंघाड़े का आटा का इस्तेमाल किया जाता है। 

1. सिंघाड़े का हलवा, शीरा रेसिपी | फराल का हलवा | व्रत उपवास का सिंघाड़े का हलवा | नवरात्री का हलवा | singhada halwa, sheera in Hindi.

सिंघाड़े का हलवा, शीरा एक त्वरित और आसान भारतीय मिठा है जिसमें भरपूर नट्स होते हैं। जानिए कैसे बनाएं फराली सिंघाड़े आटे का हलवा।

सिंघाड़े का हलवा सिंघाड़ा, घी चीनी और इलायची पाउडर से बनाया जाता है।

यह फराली सिंघाड़े आटे का हलवा पिछले दिनों हर घर में एक बार बनाया गया था। यह उन बुजुर्गों के लिए एक दावत है जो आमतौर पर उपवास का विकल्प चुनते हैं और हमेशा नरम, आसानी से चबाने योग्य भोजन की तलाश में होते हैं जो साथ में स्वादिष्ट भी है।

घी के उपयोग और इलायची पाउडर के संयोजन से शीरा को बहुत समृद्ध खुशबू मिलती है, जो कि ज्यादातर भारतीय मिठाइयों की खासियत है। इस रमणीय मिठाई की उपयुक्तता में जोड़ने के लिए, व्रत, फास्टिंग शीरा को उदारता से मेवों से गार्निश करें। 

2. भावनगरी मिर्च  रेसिपी :  इस सदैव पसंदिदा व्यंजन को तिल और ज़ीरे के स्वाद से भरपुर बनाया गया है। इस व्यंजन को फराली बनाने के लिये बेसन को सिंघाड़े के आटे से बदला गया है।


• सिंघाड़े का आटा का प्रयोग पॅनकेक, पुरी और चपाती बनाने के लिए किया जाता है, खासतौर पर उपवास के दिनों में।
• इसका खाना बनाने में मुख्य रुप से प्रयोग खाने को गाढ़ा बनाने के लिए और पनीर और सब्ज़ीयों को घोल में डुबोकर तलने के लिए किया जाता है।
• इसका प्रयोग ब्रेड, केक और कुकीस् बनाने के लिए किया जाता है।

संग्रह करने के तरीके
• सिंघाड़े के आटे को हवा बंद डब्बे में रखकर ठंडी, सूखी और गहरे रंग की जगह पर रखें।
• इसमें सोडियम और वसा की मात्रा कम होती है।
• हालांकि, सिंघाड़े का आटा कार्बोहाइड्रेट से भरपुर होता है। 

स्वास्थ्य विषयक
• सिंघाड़े का आटा पौटॅशियम और रेशांक का अच्छा स्रोत है।
• इसमें सोडीयम और वसा की मात्रा कम होती है।
• फिर भी, सिंघाड़े के आटे में कार्बोहाईड्रेट की मात्रा ज़्यादा होती है।




Subscribe to the free food mailer

Soya

Missed out on our mailers?
Our mailers are now online!

View Mailer Archive

Privacy Policy: We never give away your email

REGISTER NOW If you are a new user.
Or Sign In here, if you are an existing member.

Login Name
Password

Forgot Login / Password?Click here

If your Gmail or Facebook email id is registered with Tarladalal.com, the accounts will be merged. If the respective id is not registered, a new Tarladalal.com account will be created.

Are you sure you want to delete this review ?

Click OK to sign out from tarladalal.
For security reasons (specially on shared computers), proceed to Google and sign out from your Google account.

Reviews