इमली का पल्प ( Tamarind pulp )
Last Updated : Nov 27,2024


इमली का पल्प क्या है, ग्लॉसरी, इसका उपयोग,स्वास्थ्य के लिए लाभ, रेसिपी
Viewed 14344 times

इमली का पल्प क्या है?


इमली का पल्प इमली से बना एक गाढ़ा गुदा होता है। घर पर इमली का पल्प बनाने के लिए, इमली को ज़रुरत मात्रा के गुनगुने पानी में लगभग 15-20 मिनट के लिए या उनके नरम होने तक भिगो दें। अपने हाथों से मसलकर गुदे को हल्का छान लें (आप अपे हाथों ही ऐसा कर सकते हैं) और काले बीच और रेशांक वाला भाग निकाल लें। छाने हुए नरम गुदे को इमली का गुदा कहते हैं। यह गाढ़ा, मुलायम, भुरे रंग का मिश्रण बहुत से व्यंजन को खट्टा स्वाद प्रदान कर सकता है।

इमली का पल्प चुनने का सुझाव
• घर पर इमली का पल्प बनाने के लिए ताज़ी नरम इमली चुनें।
• आप बाज़ार से तैयार इमली का पल्प भी खरीद सकते हैं। पैकॅट के सील के साथ उत्पादन और समापन के दिनाँक की जाँच कर लें।
• तैयार पल्प खरीदते समय, आप सामग्री सूची की जाँच कर लें, क्योंकि बहुत से ब्रेन्ड नमक, विनेगर या अन्य संग्रह करने वाले पदार्थ भी मिलाते हैं।

इमली का पल्प के उपयोग रसोई में (uses of tamarind pulp in cooking )

इमली का पल्प  का उपयोग करके दक्षिण भारतीय व्यंजन | South Indian recipes using tamarind pulp in hindi |

1. टैमरिंड राइस : यह चावल से बना व्यंजन हर दक्षिण भारतीय घर में मशहुर है, हालांकि अलग-अलग श्रेत्र के अनुसार इसके बहुत से विकल्प होते हैं। चूंकी इस व्यंजन में प्रयोग की गई बहुत सी सामग्री सूखी और पहले से बने हुए मसालें हैं, इस व्यंजन को लबे समय तक रखा जा सकता है और बाहर जाते समय, यह पेक करने के लिए पर्याप्त होता है।

2. ज़ीरा-पैपर रसम : ठंड के दिनों में परोसने के लिए एक पर्याप्त रसम! सर्दी और बुखार के लिए, रसम के अच्छी दवा है, और अकसर कुछ लोग से कप में ऐसे ही पीना पसंद करते हैं, वहीं बाकी लोग इसे चावल के सात मिलाकर भरपुर घी के साथ खाना पसंद करते हैं।

3. ड्रमस्टिक पिकल, सहजन का अचार : सहजन फल्ली का अचार, दक्षिण भारतीय अचार दक्षिण भारतीय के रसोई से आया यह अलग और अनोखा सहजन फल्ली का अचार पूरी तरह मसालेदार है और 100% निश्चित रूप से आपके स्वाद की कलियों का लुभाएगा।

इमली का पल्प  का उपयोग कर चटनी | Chutneys using tamarind pulp |


2. मैसूर चटनी रेसिपी : कन्नड़ व्यंजन आम तौर पर लगभग सभी संगत में नारियल और गुड़ के मध्यम उपयोग द्वारा चिह्नित किया गया है। यहाँ मैसूर की चटनी में, ये तत्व दाल, इमली और मसालों के संयोजन के साथ आते हैं।


• इमली का पल्प तैयार होने से, आप झटपट भारतीय व्यंजन बना सकते हैं, जैसे चटनी, करी, दाल और बहुत से दक्षिण भारतीय व्यंजन जैसे सांभर और रसम।
• इस पल्प का प्रयोग बहुत से अचार को खट्टापन प्रदान करने के लिए भी किया जाता है, खासतौर पर वह जिनमें हरे पत्ते जैसी फीकी सामग्री या करेले जैसी कड़वी सामग्री का प्रयोग किया जाता है।
• इमली के पल्प को गुनगुने पानी से पतला कर इमली का पनी बनाया जा सकता है, जिसका प्रयोग भूख बढ़ाने वाले पेय में किया जाता है।
• यह वोस्टरसायर सॉस में प्रयोग होने वाली मुख्य सामग्री है।
• गुड़ और ज़ीरा के साथ बनी इमली की चटनी, समोसे और पकौड़ो के साथ अच्छी तरह जजती है।
• इमली के पल्प को भुनी हुई उड़द दाल और नारियल या भुनी हुई सब्ज़ीयाँ जैसे तुरई के साथ मिलाकर, सरसों और हींग का तड़का लगाकर, एक स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय तर की चटनी बनाई जाती है। इस चटनी को अकसर थोगायल कहते हैं, जिसे गरमा गरम चावल और घी या तिल के साथ खाया जा सकता है। साथ ही इसे इडली या डोसे के साथ भी परोसा जा सकता है।
• इमली के पल्प का प्रयोग बहुत से थाई व्यंजन में भी किया जाता है।

संग्रह करने के तरीके इमली का पल्प
• हवा बन्द और हो सके तो काँच की बोतल में डालकर, फ्रिज मे रखने से, इमली के पल्प कप एक से दो हफ्तों के लिए रखा जा सकता है।
• इस पल्प को और भी लबे समय तक रखने के लिए, हवा बन्द डब्बे में रखकर फ्रीज़र में रखें। सामान्य तापमान पर लाकर, ज़रुरत अनसुार प्रयोग करें।

इमली का पल्प के फायदे, स्वास्थ्य विषयक
• इमली विटामीन, रेशांक, पौटॅशियम, मैग्निशियम और अन्य ज़रुरी आहार तत्वों की अच्छी स्रोत है, जो अच्छे स्वास्थ के लिए ज़रुरी होते हैं।
• इमली ऑक्सीकरण रोधी का अच्छा स्रोत है, जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है और साथ ही इसमें कॅरोटीन, विटामीन सी, फ्लेवोनोईड्स् और बी-विटामीन होते हैं।
• साथ ही यह थायामिन (रोज़ की ज़रुरी मात्रा का 36%), विटामीन ए, फोलिक एसिड, राईबोफ्लेविन और नायासिन से भरपुर होती है
• बहुत से यह विटामीन ऑक्सीकरण के रुप में और साथ ही शरीर के अंदर किणवण रस प्रक्रिया के लिए को-फॅक्टर के रुप में काम करते हैं।
• यह बूखार और सर्दी ठीक करने के लिए लाभदायक होते हैं।
• इमली के पानी से गरारे करने से गले में खराश से आराम मिलता है।
• इमली का प्रयोग पित्त रोग को ठीक करने के लिए किया जाता है।
• इमली कलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करती है और हृदय स्वास्थ रखने मे मदद करती है।
• विभिन्न चिकित्सक पदार्थों में, इस मसाले का प्रयोग सिरप, काढ़ा आदि में पायसी पदार्थ के रुप में किया जाता है।
• इमली का पल्प उल्टी, गैस, कब्ज़ और अपच के लिए लाभदायक उपाय है।
• इमली का पल्प भूख बढ़ाने में मदद करता है।




Subscribe to the free food mailer

Soya

Missed out on our mailers?
Our mailers are now online!

View Mailer Archive

Privacy Policy: We never give away your email

REGISTER NOW If you are a new user.
Or Sign In here, if you are an existing member.

Login Name
Password

Forgot Login / Password?Click here

If your Gmail or Facebook email id is registered with Tarladalal.com, the accounts will be merged. If the respective id is not registered, a new Tarladalal.com account will be created.

Are you sure you want to delete this review ?

Click OK to sign out from tarladalal.
For security reasons (specially on shared computers), proceed to Google and sign out from your Google account.

Reviews