लो फॅट छाछ ( Low fat buttermilk )
Last Updated : Mar 22,2024


लो फॅट छाछ, लो फैट छाछ क्या है ? ग्लॉसरी | इसका उपयोग | स्वास्थ्य के लिए लाभ | रेसिपी |
Viewed 6528 times

लो फॅट छाछ, लो फैट छाछ क्या है?


पानी के बाद ठंडी छाछ, गर्मी से मौसम के लिये एक पौष्टिक पेय है। लो फॅट दही को पानी के साथ मिलाकर, भूने मसाले के साथ मिलाकर इसे बनाया जाता है। इसका खट्टापन दूध मे प्रस्तुत एसिड से आता है। 

लो फॅट छाछ, लो फैट छाछ चुनने का सुझाव (suggestions to choose low fat buttermilk, skimmed buttermilk, low fat chaas)


• लो फैट छाछ बाज़ार में टेट्रा पैक, गिलास और प्लास्टिक बोतल में मिलता है।
• यह घर पर भी आसानी से बनाया जा सकता है।

लो फॅट छाछ, लो फैट छाछ के उपयोग रसोई में (uses of low fat buttermilk, skimmed buttermilk, low fat chaas in Indian cooking)


• लो फॅट छाछ अपने आप में ही एक ताज़ा पेय है और अक्सर दिन के मुख्य आहार के साथ या खाने के बाद मनक और ज़ीरा मिलाकर परोसा जाता है।
• स्थानीय तौर से छाछ का प्रयोग मसाला रोटी, थेपले बनाने मे किया जाता है जहाँ पानी को छाछ से बदला जाता है, जिससे खाना नरम और मुलायम बनता है।
• डोसा, ईडली या गुजराती हाण्डवे के घोल में, पानी कि जगह लो फॅट छाछ का प्रयोग करें। छाछ में प्रस्तुत खमीर घोल को ज़्यादा अच्छी तरह से फूलने में मदद करता है।
• छाछ में प्रस्तुत एसिड माँस को मेरीनेड करने के लिये उपयुक्त है क्योंकि यह माँस को नरम करने में मदद करता है।
• लो फैट छाछ से बने पॅनकेक स्वादिष्ट और फूले हुए बनते हैं।

लो फॅट छाछ, लो फैट छाछ संग्रह करने के तरीके


• फ्रिज छाछ संग्रह करने के लिये उपयुक्त जगह है जिससे छाछ का स्वाद कम से कम २ से ३ दिनों तक ताज़ा रहता है। लबे समय तक बाहर रखने से वह खट्टी हो सकती है।
• जहाँ दूध एक हफ्ते के बाद खराब हो जाता है, वहीं छाछ को हवा बन्द डब्बे, जैसे प्लास्टिक या स्टील में संग्रह करने से लंबे समय तक रखा जा सकता है।

लो फॅट छाछ, लो फैट छाछ के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of low fat buttermilk, skimmed buttermilk, low fat chaas in Hindi)

छाछ पाचन के लिए उत्कृष्ट है क्योंकि इसे प्रोबायोटिक दही से बनाया जाता है। यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और आंतों को साफ करता है और इसलिए अम्लता को दूर करने और अपच को रोकने के लिए जाना जाता है। हालांकि किण्वित व्यंजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला छाछ हर किसी के पाचन तंत्र के अनुकूल नहीं हो सकता है। छाछ में वसा और कैलोरी कम होती है क्योंकि इसे दही और पानी के मिश्रण से बनाया जाता है। पूर्ण वसा वाले दही से बने छाछ की तुलना में लो फैट छाछ कैलोरी में तुलनात्मक रूप से कम होती है। कम वसा वाले छाछ में वसा प्रतिशत भी कम होता है और इसलिए मोटापे और हृदय रोग के लिए यह सबसे अच्छा माना जाता है। छाछ और लो फॅट छाछ दोनों प्रोटीन, राइबोफ्लेविन, पोटेशियम, विटामिन बी 12 और कैल्शियम का एक उचित स्रोत होते हैं, जो दही की मात्रा पर निर्भर करता है।




Subscribe to the free food mailer

Soya

Missed out on our mailers?
Our mailers are now online!

View Mailer Archive

Privacy Policy: We never give away your email

REGISTER NOW If you are a new user.
Or Sign In here, if you are an existing member.

Login Name
Password

Forgot Login / Password?Click here

If your Gmail or Facebook email id is registered with Tarladalal.com, the accounts will be merged. If the respective id is not registered, a new Tarladalal.com account will be created.

Are you sure you want to delete this review ?

Click OK to sign out from tarladalal.
For security reasons (specially on shared computers), proceed to Google and sign out from your Google account.

Reviews