अन्य नाम
लाल चना
काला चना, लाल चना क्या है?
लाल चने या काले चने भूरे रंग के छोटे चने होते है जिनकी उपरी परत कड़ी और दरदरी होती है, यह अधिक्तर भारत में उत्तपन्न किये जाते है और सारे भारतीय उपमहाद्वीप और ईथोपीया, मैक्सिको और ईरान में।
यह सामान्य तौर पर मिलने वाले पीले काबुली चनों का छोटा विकल्प है। हालाँकि यह उपर से भूरे रंग का होता है, अंदर से इसका रंग पीला होता है और इसका स्वाद नटी और पकाने पर यह गाढ़ा हो जाता है। यह एक बहु-उपयोगी दाल है जिसका प्रयोग मध्य पुर्वी और भारतीय व्यंजन मे किया जाता है।
उबले हुए काले चने (boiled kala chana)
काले चने को धोकर रातभर पानी मे भिगो दें। भिगे हुए चने को एक और बार ठंडे पानी से साफ होने तक धो लें। इसके बाद, भिगोये हुए चने को एक बड़े बर्तन मे निकाले और पुरी तरह से पानी से ढ़क दें। स्वादअनुासर नमक मिलाकर ढ़ककर पका लें। आँच से हठाकर छान लें। इसे प्रैशर कुकर मे भी पकाया जा सकता है। इसे उबालने का समय पकाने के तरीके पर निर्भर करता है। उबले हुए काले चनो को गरम या ठंडा सादा ही खाया जा सकता है या विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे सलाद, सब्ज़ी आदि मे प्रयोग किया जा सकता है।
भिगोए हुए काले चने (soaked kala chana)
काले चने को साफ कर पानी से धोकर बर्तन भर पानी मे भिगो दें। इसे रातभर भिगोया जा सकता है, अक्सर 3-4 घंटे का समय इसे भिगोने के लिये उपयुक्त होता है। पकाये हुए चने का प्रयोग सलाद, चना मासाला जैसे व्यंजन या प्याज़ और टमाटर, नींबू का रस और मसाले मिलाकर चाट के रुप में भी किया जा सकता है।
अंकुरित और उबले हुए काले चने (sprouted and boiled kala chana)
अंकुरित काला चना, पानी और नमक को एक गहरे बाउल में अच्छी तरह मिला लें और १० से १२ मिनट या उनके पक जाने तक पका लें। छान कर आवश्यकतानुसार प्रयोग करें। अंकुरित और उबले हुए काला चना का उपयोग करी, सब्ज़ी, पुलाव और स्नैक्स जैसे ओट्स चाट, काला चना आमटी आदि में किया जाता है।
अंकुरित काले चने (sprouted kala chana)
काले चने को धोकर भरपूर पानी मे रातभर भिगो दें। अगली सुबह, छन्नी मे सूती कपड़ा लगाकर सारा पानी छान लें। कपड़े के किनारों को साथ लाकर बाँध लें। इसे खिड़की मे लटका दें। अंकुरित होने का इंतज़ार करें। इसे अंकुरित होने मे लगभग एक या दो दिन लगता है। बीच मे एक बार कपड़े को निकालकर उसमे पानी छिड़क दें जिससे कपड़ा गीला रहे। अंकुरित होने पर कपड़े से निकाल लें। बहुत लंबे अंकुरित बनने पर चने का स्वाद कड़वा हो सकता है।
अंकुरित सनो को निकालकर, नमक वाले पानी मे आधा पका लें या स्टीम कर लें। अंकुरित काले चने एक बेहतरीन नाश्ता बनाते है और करी, स्ट्यू और कुरमा बनाने मे प्रयोग किये जा सकते है। इसे पानी पुरी के मसाले मे भी मिलाया जा सकता है।
काला चना, लाल चना चुनने का सुझाव (suggestions to choose kala chana, red chana, brown chickpeas)
• किसी भी प्रकार के पत्थर या कंकड़ की जाँच कर लें।
• धुल से बचने के लिये पहले से पैक किये हुए या बंद डब्बे से ही खरिदें।
• पैकेट के सील कि जाँच कर लें।
• साथ ही, काले चने को श्यान से देखकर किसी भी प्रकार के कीड़े होने कि जाँच कर लें।
काला चना, लाल चना के उपयोग रसोई में (uses of kala chana, red chana, brown chickpeas in Indian cooking)
• काले चने काबुली सने का विकल्प है। यह चने बेहद पौष्टिक होते है और इनका प्रयोग करी और चाट बनाने मे किया जाता है।
• क्योंकि यह चने पकने के बाद भी अपना आकार बनाये रखते है, इसलिये इनका प्रयोग सलाद के लिये उपयुक्त होता है, खासतौर पर अंकुरित चने।
• इन्हे हल्का भूनकर ताज़े कटे प्याज़, बारीक कटा धनिया और नींबू के रस के साथ मिलाकर स्वादिष्ट व्यंजन बनाया का सकता है।
• काले चने को नमक के साथ या नमक के बिना भी पकाया जा सकता है और गार्लिक मक्ख़न मे भूनकर या मेयोनीज़ और हल्की पकी सब्ज़ीयों के साथ मिलाकर स्वादिष्ट सलाद बनाया जा सकता है।
• यह पानी पुरी मे मिलाने के बेहतरीन सुझाव है।
• काले चने, सब्ज़ी के साथ या बिना सब्ज़ी के भी, नान या रोटी के साथ परोसा जा सकता है।
काला चना, लाल चना संग्रह करने के तरीके
• सूखे चनो को हमेशअ हवा बंद डब्बे मे रखकर सामान्य तापमान पर रखें और फ्रिज मे ना रखें।
• पकोने के बाद, बीन्स् को ढ़के हुए बर्तन मे डालकर 5 दिनो तक रखा जा सकता है और हवा बंद डब्बे मे रखकर 6 महीनों तक।
• बीन्स् के प्रयोग साल भर के अंदर करना अच्छा होता है, कयोंकि इसके बाद यह नमी खो देते है जिसकी वजह से इन्हे भिगोने और पकाने का समय का बढ़ जाता है।
• पकाने से पहले समेशा बीन्स को साफ कर धो लें कयोंकि कभी-कभी इसमे बारीक पत्थर होते है।
काला चना, लाल चना के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of kala chana, red chana, brown chickpeas in Hindi)
काला चना आपके आहार के लिए एक स्वस्थ घटक है।
प्रोटीन और
फाइबर में उच्च होने के नाते, काला चना
वजन घटाने वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। अधिकांश दालों की तरह, काला चना भी फाइबर में उच्च होते हैं, इसलिए यह आपको घंटों तक संतुष्ट रखने में मदद करता है। जब अन्य स्वस्थ अवयवों के साथ पकाया जाता है, तो काला चना
हृदय रोग के लिए भी उपयुक्त है।
मधुमेह रोगी भी प्रतिबंधित मात्रा में इनका सेवन कर सकते हैं। कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत होने के नाते यह हड्डी के स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं और
आयरन का एक अच्छा स्रोत होने के नाते यह लाल रक्त कोशिकाओं (
red blood cells) और हीमोग्लोबिन के स्तर का निर्माण करने में मदद करते हैं।