पिघला हुआ मक्खन (melted butter)
मक्खन पिघलाना आसान है। एक पॅन को धिमी आँच पर गरम करें, मक्खन डालकर पॅन को धिरे से घुमाकर फैला लें। अगर आपके मक्खन माइक्रोवेव मे पिघलाना हो तो, मक्खन को माइक्रोवेव के बर्तन में रखे, और बिना ढ़के, २०-४० सेकन्ड तक गरम कर लें।
नरम मक्खन (soft butter)
नरम मक्खन तब मिलता है, जब आप पहले से निश्चय कर, ज़रुरत अनुसार मक्खन कि मात्रा को, पकाने से पुर्व, १ से २ घंटे पहले ( मौसम अनुसार) ही निकालकर रख दें। अपनी ऊँगली से हल्का दबाकर देखे औेर अगर वह आसानी से दब जाये तो आपका मक्खन तैयार है। अगर वह बहुत ज्यादा नरम हो गया हो, तो उसे ३०-४० मिनट के लिये दुबारा फ्रिज में रख दे।
• सेण्डवाच ब्रेड पर मक्खन लगाना ज़रुरी होता है क्योंकि यह टमाटर और ककड़ी जैसी सब्जियों से निकलती नमी को ब्रेड से मिलने से बचाता है।
• बेकरी पदार्थ उनके मक्खनी स्वाद, करारापन और अनोखे स्वाद के बिना अधुरे है, जो केवल मक्खन प्रदान कर सकता है। कुकीस्, क्रिस्प पाई, पफ पेस्र्टि, टी केक्स और अन्य बेकरी पदार्थो में मक्खन सबसे ज़रुरी सामग्री है।
• सूप और सॉस, पारंपरिक फ्रेंच व्यंजन जैसे ब्यूरी और रोक्स, जिसमे व्हाईट सॉस बनाते वक्त, दूध और मसाले मिलाने से पुर्व, मक्खन और आटे को समान मात्रा में मिलाया जाता है।मक्खन और अंडे के पीले भाग के मिलाकर उत्कृष्ट होलेन्डाईस और बरनायस् सॉस बनते है।
• ब्रेड बास्केट जो ब्रेड रोल्स और ब्रेड स्टिक्स से भरे रहते है, उनको सादे या स्वाद वाले मक्खन कर साथ परोसा जाता है।
• शुद्ध घी, जो और कुछ नही लेकिन सिर्फ साफ मक्खन है, हमे तब मिलता है जब मक्खन को गरम कर सारी नमी उड़ जाने तक पकाया जाता है। इसे लंबे समय तक संचित किया जा सकता है और भारत में काफी घरो में इसका प्रयोग होता है, खासतौर पर त्यौहारो में।
• जॅम या प्रिज़र्व बनाते वक्त, पकाने के पुर्व उसपर मक्खन लगाये जिससे उपरी परत नही जमा होती और एक चमक भी प्रदान करता है।
मक्ख़न संग्रह करने के तरीके
• मक्खन एक एैसा पदार्थ है जो बहुत जल्दि खराब हो जाता है, इसलिये इसे फ्रिज में रखना ज़रूरी होता है।
• इसे चिकने कागज़ या फाईल युक्त कागज़ मे लपेटा जाता है।
• क्योंकि मक्खन आसानी से सुगंध अपना लेता है, इसलिये उसे अच्छी तरह लपेटकर तेज़ सुगंध वाले पदार्थो से दूर रखना चाहिए।
• धूप से दूर रखें क्योंकि यह बहुत जल्दि खराब हो जाता है।
मक्ख़न के फायदे, स्वास्थ्य विषयक (benefits of butter, makhan in Hindi)
मक्खन में 80% वसा होता है और इसमें कई प्रकार के फैटी एसिड होते हैं। मक्खन में शॉर्ट श्रृंखला फैटी एसिड और मध्यम श्रृंखला फैटी एसिड होते हैं जो टूट जाते हैं और सीधे शरीर में अवशोषित होते हैं और सीधे यकृत में जाते हैं और मांसपेशियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले ईंधन में परिवर्तित हो जाते हैं। इस ऐन्टी इन्फ्लैमटॉरीप्रभाव के कारण, यह
इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) के इलाज में सकारात्मक है। हाल के शोध से पता चलता है कि कम मात्रा में मक्खन हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। तो
मधुमेह रोगियों को भी मक्खन की थोड़ी मात्रा की अनुमति है और वे अन्य प्रकार के वसा के साथ बैलन्स कर सकते हैं। एक टेस्पून मक्खन
विटामिन ए की आपके दिन की आवश्यकता के 8% को पूरा करता है। यह विटामिन ए एक
शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो
त्वचा के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए आवश्यक है। हमारा सुझाव है कि आप मक्खन - एक सुपर फूड के बारे में पढ़ें।