एक लुची की कितनी कैलोरी होती है?
एक लुची (बंगाली पुरी) की (20 grams) 89 कैलोरी देता है। जिसमें से कार्बोहाइड्रेट में 32 कैलोरी होती है, प्रोटीन में 4 कैलोरी होती है और शेष कैलोरी वसा से होती है जो 53 कैलोरी होती है। एक लुची की 2,000 कैलोरी के एक मानक वयस्क आहार की कुल दैनिक कैलोरी आवश्यकता का लगभग 4.5 प्रतिशत प्रदान करता है।
लूची (बंगाली पुरी) रेसिपी में 20 ग्राम की 18 लुचियां बनती हैं।
लूची (बंगाली पुरी) की 1 लुची के लिए 89 कैलोरी, कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट 8 ग्राम, प्रोटीन 1.2 ग्राम, वसा 5.8 ग्राम। जानिए लूची (बंगाली पुरी) में कितना फाइबर, आयरन, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, पोटैशियम, फोलिक एसिड मौजूद होता है।
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यह बंगाली स्टाइल लुची बहुत ही नरम और इतनी स्वादिष्ट है। जानिए कैसे बनाएं लुची रेसिपी | बंगाली स्टाइल लुची | बंगाली पुरी | लुची पुरी |
एक बंगाली पसंदीदा, लुची और कुछ नहीं बल्कि मैदे की पुरी है जो सब्ज़ी / करी के साथ बहुत अच्छी लगती है। बबंगाली स्टाइल लुची सफेद रंग की होती है और इसमें अच्छी मात्रा में घी या तेल होता है जो ठंडा होने के बाद भी नरम रहता है।
आटे में थोड़ा सा घी या तेल डालने से आटा बहुत ही कुरकुरा और परतदार हो जाता है। ये सफेद और भुरभुरी लुची वास्तव में एक स्वादिष्ट व्यंजन हैं, जो आपके पूरे परिवार को बहुत पसंद आएंगी।
लुची बनाने के टिप्स: 1. नरम आटा गूंदने के लिए अच्छी तरह गूंथ लें। 2. तेल की जगह आप मैदे का इस्तेमाल कर भी लूची बेल सकते हैं। 2. फूली हुई लुचियां बनाने के लिए तलते समय तेल पर्याप्त गर्म होना चाहिए।
क्या लुची स्वस्थ है?
नहीं, यह स्वस्थ नहीं है क्योंकि पूरियां तले हुए होती हैं।
आइये समझते हैं लुची की रेसिपी की सामग्री।
समस्या क्या है।
1. मैदा आटा ( plain flour problems in hindi): मैदा ( plain flour problems in hindi): यह नुस्खा मैदा का उपयोग करता है जो कि रिफाइन्ड कार्ब है और स्वस्थ जीवन शैली के लिए उपयुक्त नहीं है। किसी भी भोजन में मैदा के सेवन पूरी तरह से टालना चाहिए या बहुत थोड़ा सा उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से रक्त के स्तर में बढावा होता है, जो मधुमेह रोगियों और हृदय रोगियों के लिए अच्छा नहीं होता है। प्रीडायबिटीज का विकास अनियंत्रित चीनी और रिफाइन्ड खाद्य उत्पादों को कई वर्षों तक खाने से होता है और यदि आपके पास अतिरिक्त वसा है तो यह क्लासिक लक्षण है। इससे मधुमेह और आगे चलकर दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, नपुंसकता और गुर्दे की क्षति हो सकती है। पूरी तरह से समझने के लिए पढ़ें - क्या मैदा सचमुच अच्छा है?
2. डीप फ्राइड फूड्स, तले हुए नाश्ते (Deep Fried Foods in Hindi): यह रेसिपी डीप फ्राइड है। कोई भी भोजन जो तले हुए हैं, वो स्वस्थ रहने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। डीप फ्राई करने से आपका मोापा बढ़ सकता है क्योंकि तलने में अधिक तेल सोखा जाता है। इसके अलावा जब आप तलने के लिए फिर से उसी तेल का उपयोग करते हैं तो उसका स्मॉकींग पॉइन्ट (smoking point) कम हो जाता है, जिससे नीले धुएं का विकास होता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। प्रोसेस्ड फूड, डीप फ्राइड फूड्स शरीर में इन्फ्लमेशन (inflammation) बढ़ाते हैं ( increases inflammation in the body ) और वसा जलने की प्रक्रिया को बंद कर देते हैं। अधिकांश बीमारियां जैसे कि हृदय की, डायबिटीज, पार्किंसन, अल्जाइमर, कैंसर और मोटापे का कारण होता है कोशिकाओं का इन्फ्लमेशन (inflammation) और फिर यहसही ढंग से काम नहीं करते हैं। धमनियों में इन्फ्लमेशन (inflammation) दिल के दौरे का कारण बन सकता है। इसलिए आपके आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ होने चाहिए जो शरीर में इन्फ्लमेशन (inflammation) से लड़ें। इसी तरह आपका शरीर स्वस्थ रह सकता है। इसलिए आपने स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर में कोशिकाओं को सही भोजन दिया है और यह आपके जीवन के बाकी हिस्सों के लिए रोग मुक्त रहने में बहुत महत्वपूर्ण है। टिप्पणी (note)। डीप फ्राई करने पर 5 ग्राम प्रति बड़ी पूरी (अनहेल्दी फैट की 45 कैलोरी, 45 calories of unhealthy fat) या तेल के समोसे का सेवन किया जाता है। 2.5 ग्राम प्रति छोटा।
ध्यान दें : 1 कप = 200 मिलीलीटर (बाजार में आसानी से उपलब्ध है)। प्रत्येक घटक का ग्राम में वजन भिन्न होता है।
क्या डायबिटीज के मरीज, दिल के मरीज और अधिक वजन वाले लोग मटर पराठा का सकते हैं?
नहीं। मैदा ( plain flour problems in hindi): यह नुस्खा मैदा का उपयोग करता है जो कि रिफाइन्ड कार्ब है और स्वस्थ जीवन शैली के लिए उपयुक्त नहीं है। किसी भी भोजन में मैदा के सेवन पूरी तरह से टालना चाहिए या बहुत थोड़ा सा उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से रक्त के स्तर में बढावा होता है, जो मधुमेह रोगियों और हृदय रोगियों के लिए अच्छा नहीं होता है।
यह रेसिपी डीप फ्राइड है। कोई भी भोजन जो तले हुए हैं, वो स्वस्थ रहने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। डीप फ्राई करने से आपका मोापा बढ़ सकता है क्योंकि तलने में अधिक तेल सोखा जाता है। इसके अलावा जब आप तलने के लिए फिर से उसी तेल का उपयोग करते हैं तो उसका स्मॉकींग पॉइन्ट (smoking point) कम हो जाता है, जिससे नीले धुएं का विकास होता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। प्रोसेस्ड फूड, डीप फ्राइड फूड्स शरीर में इन्फ्लमेशन (inflammation) बढ़ाते हैं ( increases inflammation in the body ) और वसा जलने की प्रक्रिया को बंद कर देते हैं।
एक स्वस्थ पुरी विकल्प क्या है?
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फाइबर युक्त ओटस् का आटा और गेहूं के आटे का उपयोग करके, पके हुए ओट्स पुरी को तिल, लहसुन के पेस्ट और कसूरी मेथी के साथ भी स्वाद दिया जाता है।
बेक्ड ओट्स पुरी अधिकांश भारतीय रसोई में उपलब्ध सामग्री के साथ बनाने के लिए एक सरल नुस्खा है। हम अपने घर में अक्सर इस हेल्दी बेक्ड ओट्स पुरी को बनाते हैं क्योंकि बच्चे इसे बहुत पसंद करते हैं और मैं इसे हेल्दी स्नैक के लिए भी ऑफिस ले जाता हूं।
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